Thursday 10 February 2022

छाती में गैस के लक्षण, कारण और उपाय

 गैस बनना एक आम समस्या है और भारत जैसे देश में बहुतायत में पाई जाती है. कई बार पेट में गैस के बनने के कारण छाती में उठते दर्द को हृदयघात (heart attack) समझ लिया जाता है जबकि हृदयघात के लक्षण काफी अलग होते हैं.

छाती के बीच में दर्द होना


अमाशय में गैस बनने से छाती में उठने वाले दर्द के प्रमुख कारण:-

जब हम ऐसा भोजन करते हैं, जिसे तोड़ने और पचाने में अमाशय को काफी मशक्क्त करनी पड़ती है, तो कई बार अमाशय (पेट) में गैस बन जाती है, जो ऊपर की ओर श्वास नाली तक पहुँच जाती है, जिससे छाती और गले की नलिकाओं में दबाव पड़ता है और दर्द महसूस होता है. 

जब हम ऐसा भोजन करते हैं जो कई खाद्यों का मिश्रण हो, जैसे की मेल न खाने वाले खाद्यों का एक साथ सेवन कर लेना, जैसे की फल और सब्जियां एक साथ, दूध और फल एक साथ, फलों या सब्जियों में नमक और मसाला मिलकर खाना, दूध को अधिक गाढ़ा करके पीना, जल्दी जल्दी खाना खाना, अधिक तले भुने, फैक्ट्री मेड, प्रोसेस्ड, वसा से भरे, अधिक प्रोटीन वाले खाद्यों का सेवन इत्यादि, ये सब गैस और अम्ल को बढ़ावा देता है, जो छाती में दर्द पैदा करता है.

कई बार पेट में खाना पचाने के लिए बनने वाले अम्ल के बहुतायत में बन जाते के कारण वो श्वास नाली तक पहुँच जाता है, उसके कारण भी छाती और गले में दर्द होता है. ऐसा भी भारी (तला भुना, अधिक वसा और मिर्च मसाले वाला) भोजन खाने की वजह से होता है. अम्ल के दर्द और गैस के दर्द में थोड़ा सा अंतर होता है. अम्ल का दर्द ज्वलनशील सा प्रतीत होता है, और गैस का दर्द सामान्य दबाव वाला दर्द प्रतीत होता है.


अमाशय (पेट) में गैस बनने से छाती में उठने वाले दर्द के लक्षण:-

यह दर्द भोजन करने के आधे घंटे से लेकर तीन घंटे बाद तक शुरू हो सकता है. यह छाती के ऊपरी, मध्य या निचले हिस्से में महसूस किया जा सकता है. कभी कभी डकारने से यह दूर हो जाता है, लेकिन डकार के ना निकल पाने से यह ज्यादा दर्द पैदा करता है. कभी कभी चलने फिरने से और उससे डकार पैदा हो जाने से या दोनों में से किसी एक चीज़ के होने से भी यह दूर हो जाता है. अम्ल की अधिकता से होने वाले दर्द के मुकाबले मरीज में यह कम परेशानी पैदा करता है.


आमाशय (पेट) में गैस बनने से छाती में उठने वाले दर्द को दूर करने के उपाय:-

सबसे पहले आपको यह समझना होगा की यह अम्ल की अधिकता से उठने वाला दर्द तो नहीं है, क्योंकि गैस का बनने से उठने वाले दर्द और अम्ल की अधिकता से उठने वाले दर्द में अलग अलग उपाय किये जाते हैं. 

कई बार लोग गैस के दर्द में पुदीन हरा जैसी औषधियों का सेवन कर लेते हैं, जो की अम्ल की अधिकता को कम करने के लिए इस्तेमाल होती है. नतीजतन, दर्द दूर नहीं होता। 

आमाशय (पेट) में गैस बनने से छाती में उठने वाले दर्द को दूर करने के उपाय बेहद सरल और साधारण हैं. आपको बस एक कप (200 ग्राम) गर्म पानी पीना है और कुछ देर तक टहलना है. अटकी हुई गैस डकार या डकारों के माध्यम से आमाशय या छाती से निकल जाएगी और दर्द बंद हो जायेगा।

यदि आप आश्वस्त होने चाहते हैं की आपको छाती में गैस का दर्द भविष्य में कभी ना हो तो आपको हमेशा हल्का और सुपाच्य भोजन ही करना होगा, और हर खाने के बीच में कम से कम 2 से 4 घंटे का विराम या अंतर अवश्य रखें, क्योंकि जब तक पहला खाना ठीक से पच ना जाए, दूसरा खाना खा लेने से पेट को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है, नतीजतन वह या तो खाने को जल्दी तोड़ने के लिए अधिक अम्ल पैदा करता है, या फिर पेट में खाना ठीक से ना टूटने की वजह से या अम्ल की अधिकता से भी, गैस पैदा होगी है. नतीजतन, दोनों ही स्तिथियों में छाती में दर्द पैदा होता है. 

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